कुछ लिखना है , कुछ ऐसा , जो अब तक ना लिखा गया हो
मेरे शब्दों को बेहद खास कर दे ,
कुछ ऐसा , जो अब तक ना ही कहा गया हो , ना ही सुना गया हो
कुछ ऐसा लिखना है, जिसे पढ़ कर काम क्रोध मोह माया सब शांत हो जाएँ
कुछ ऐसा लिखना है, की "सपनों में ही , हकीकत वाली रात हो जाए
............. चंद शब्दों में ही सारी बात हो जाए ||
कुछ लिखना है , ऐसा, उस गरीब के लिए दो वक्त की रोटी जैसा
कुछ लिखना है छोटा ..सुई की छेद की तरह ,
पर जिस का आकार हो ...हिमालय की चोटी जैसा |
कुछ लिखना है.. सीप में मोती जैसा ...
पर जिस का आकार हो ...हिमालय की चोटी जैसा |
कुछ लिखना है.. सीप में मोती जैसा ...
कुछ लिखना है , बंजर में बारिश की तलाश सा , समन्दर को मीठे पानी की प्यास सा
कुछ लिखना है , बूढी आँखों के लिए ...बेटे की आस सा
कुछ लिखना है मौत के लिए , जिन्दगी जैसा खास सा |
कुछ ऐसा लिखना है की बंजर भूमि पर खुशियों की बरसात हो जाए
कुछ ऐसा लिखना है की बंजर भूमि पर खुशियों की बरसात हो जाए
ग़मों की आखरी रात हो जाए .....
......चंद शब्दों में ही सारी बात हो जाए ||
......चंद शब्दों में ही सारी बात हो जाए ||
मेरे शब्दों को बेहद खास कर दे ,
आ इनमे अपने अहसास भर दे |
2 comments:
मेरे शब्दों को बेहद खास कर दे ,
आ इनमे अपने अहसास भर दे |bhaut hi khub su7rat liklha hai.....
ameen !
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