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Sunday, January 13, 2013

खबर...









जब उसका जन्म हुआ
सब उसके आस पास थे ....
घेरे थे सब उसको चारों और से
सब उसके अंदर तक झांक लेना चाहते थे
उसके जर्रे जर्रे को.. पहचान लेना चाहते थे
किसी ने देख कर आह किया , किसी ने वाह किया
किसी ने एक दो और जोड़ कर उसे अफवाह किया ||

वो सुर्ख़ियों में रही कुछ दिन ...

दुनियां के आसुओं से उसकी जिन्दगी नम हुई ...
फिर कुछ दिन बीते , भीड़ उसके आस पास कम हुई  ...
जख्म भरने कोई आगे नहीं आया, वो अपने में ही गुम हुई ..

सिर्फ पुराने पन्नों में ,उसकी जिन्दगी छुपी है ...
वो एक "खबर" थी जो अब दम तोड़ चुकी है :)

Saturday, January 5, 2013

सिर्फ इतना सा कर लो ..




सुनो जहमत करो, अपनी सोच को बदलने की जरा सी ...
आज उसका दर्द , जो तुम्हे, महसूस नहीं हो रहा , 
कल वो दर्द, तुम्हे भी हो सकता है 
दर्द को बांधों मत किसी दायरे में ...|

कुछ देर के लिए आईपॉड के इअर फ़ोन को कानों से हटा कर, 
सुन भी लिया करो ..
की कोई दर्द से करहा तो नहीं रहा सड़क किनारे ...?

तुम्हारी आँखें अनदेखा क्यूँ कर देती है ..?
सड़क किनारे सर्दी में ठिठुरते, नग्न आदमी को
धुप से बचने का काल चश्मा , इंसानियत पर क्यूँ लगा लेते हो ?

खून रिसता क्षत विक्षत शरीर जो दिखाई पड़े
भयभीत मत हो , मुहं पोछने का रुमाल रखा है न जेब में माँ ने?
बांध दो उसे ..खून का रंग तुम्हरा भी same 2 same है ।

मोबाइल रखते हो न हाथ में ,जिसे तुम छेड़ते रहते हो बात ही बात में?
KBC का नंबर भी SAVE होगा उसमे ?
उसमे 108/100 भी save कर के रखो ..
हादसे के वक्त अमिताभ से ज्यादा, एम्बुलेंस काम आती है ...

सिर्फ इतना सा कर लो ,
क्यूंकि मोमबत्तियों जलाने से देश रोशन होता यदि
तो आजादी के 65 वर्षों बाद भी हम अंधेरें में नहीं "जी" रहे होते |
आहुति देता है चाँद , तब जा कर रोशन सवेरा होता है
जलाना पड़ेगा खुद को भी और दिमाग की बत्ती को भी, मोमबत्ती की तरह :)
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