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Thursday, December 31, 2009

मन...

मन एक पंछी के जैसे हर पल उड़ना चाहे,
उम्मीदों के पंख लगा कर गगन को छूना चाहे,
कल क्या होगा कोई न जाने,
ये मतवाला तो बस आज को जीना चाहे

ये मन भी बांवरा है कैसे-कैसे ख्वाब दिखाए,
हकीक़त में जो दूर है,उसके करीब ले जाये,
काश इसकी सब आशा पूरी हो
जो ये चाहे बस इसे वो ही मिल जाये

पर
सच्चाई इस कुदरत की कुछ और ही दिखती है,
मन की उदारी भी इक दिन आ कर रूकती है
टूटते हैं जब अरमान दिल के तो
सब खुशियाँ हाथ से रेट की तरह फिसलती हैं

वक़्त के साथ फिर हर जख्म भरता जाता है
सपना कोई नया तब किसी कोने में बुनता जाता है
बार-२ ठोकर खा कर भी ये दिल
वो ही गलती करने को तैयार होता जाता है

Wednesday, December 30, 2009

नया साल

क्या खोया क्या पाया इसका हिसाब क्यों है ?

मन वो ही, हम वो ही, वो ही रूह है ॥

फिर भी साल बदलने के साथ ही

सूरत ऐ हाल बदलने का दिल करता है

नयी उम्मीदों और नए सपनो को पंख लग जाते है

बुरे अहसासों को भूल जाने का दिल करता है ॥

कुछ ज्यदा बदलने वाला नहीं है

घडी के काटों और कलेंडर के पन्ने बदलने से

फिर भी आँखों में नए ख्वाब से क्यों है ?

क्या खोया क्या पाया इस का हिसाब क्यों है?!!

चलो ढलते हुए सूरज के साथ हम भी अपने
बुरे वक़्त को छोड़ चले पीछे ॥
और आने वाले साल मै कुछ नयी खुशियों का स्वागत करे
आज हमारा भी मन पुराणी बोटेल में नयी शराब सा क्यों है ?

क्या खोया क्या पाया इसका हिसाब क्यों है ?

हैप्पी न्यू इयर २०१०

Thursday, October 29, 2009

कोई हम से पूछे

किसी अजनबी को दिल में बसाना क्या है
कोई हम से पूछे
उसकी यादों में ख़ुद को भुलाना क्या है
कोई हम से पूछे
दिल फ़िर टूट के बिखर गया तो क्या
उन टुकडो को चुन कर नए अरमान बनाना क्या है
कोई हम से पूछे

किसी के दूर होकर भी पास होना क्या है
कोई हम से पूछे
न उम्मीद होकर भी इंतज़ार करना क्या है
कोई हम से पूछे
दिल की बाज़ी हार गए तो क्या
अपना सब कुछ खोकर भी मुस्कुराना क्या है
कोई हम से पूछे

होठो को सिल कर सब कुछ सहना क्या है
कोई हम से पूछे
अपने अश्कों को पी कर दुसरो को हँसाना क्या है
कोई हम से पूछे
खुदा से गिला करे भी तो क्या
उसकी हर रजा में सर को झुकाना क्या है
कोई हम से पूछे

Sunday, October 11, 2009

मन, ये मन हमेशा ही पैरो में पंख लगाये इधर से उधर उड़ता रहता है / न जाने कहाँ जाना चाहता है, क्या करना चाहता है / कठपुतली बना हमे हमेशा नाचता रहता है ये मन / कभी किसी को पल में अपना बना ले तो किसी से मुह मोड़ते भी देर न लगे / कभी चाँद तारे छूने का मन होता तो कभी आसमा में उड़ने का, फिर अचानक वास्तविकता से सामना होता और ये धडाम ज़मीं पर आ गिरता /

कभी मतवाला उन्मुक्त अल्हड जवानी के मद में डूबा हुआ, कभी अचानक से जिम्मेदारियों के बोझ तले दबा हुआ / रोज़ एक नया अहसास एक नया विश्वास , विश्वास की मै भी कुछ कर पाऊ या फिर सोचते सोचते ही सारा वक्त मुट्ठी में बंद रेत की तरह फिसल जायेगा और जिंदगी उस मोड़ पर ला खडा कर देगी जहाँ इस मन का अपना कोई वजूद ही नहीं रह जायेगा /

जिंदगी की इस उतर चढाव में वक्त की तेज़ आंधी के थपेडे झेलते हुए न जाने कितनी बार इस मन को मरना पड़ता है / कई बार दुसरो का मन रखने के लिए तो कई बार अनजाने में / और कभी जब मन की मुराद पूरी हो जाये तो उस समय ये मन एक सुन्दर मोर बन बारिश के स्वागत में नाच उठता है , जिससे चारो ओर खुशियों की हरियाली छा जाती है /

कई बार धुंधली सी मंजिल की ओर भागता है / कई बार लक्ष्हीन हो अनजाने से रस्ते पर भटकता रहता है / मन की इसी द्वन्दिता को झेलते हुए कवी के मुख से अनायास ही निकल पड़ता है,

'मन रे तू कहे न धीर धरे'

Tuesday, October 6, 2009

ज़िन्दगी के खेल

ज़िन्दगी के खेल भी अजीब हैं
एक अजनबी को दिल के करीब ला दिया
कल तक जिसका नाम भी जेहन में न था
आज खुदा ने उससे हमारी तकदीर बना दिया
कुछ पल के साथ में ही
वो अपना सा लगने लगा
खुद से थे अनजान अब तक
वो हमे हमी से ज्यादा समझने लगा
कल तक तो ख्वाब में था चेहरा
वो हकीक़त बन सामने आ गया
हो गए हम ख़ास आज किसी के लिए
हमे मिटटी से सोना बना दिया
बस एक गुजारिश है खुदा से अब
के साथ उनका नसीब हो ज़िन्दगी भर
मेरे प्यार पर हो बस उनका ही हक
ये आंखे भी बंद हो तो उनका चेहरा देखकर....

Wednesday, August 26, 2009

इंतज़ार.....

आज दिल उदास है,आज मन बेचैन है
तुम्हारे दीदार को तरसे ये नैन हैं
इक पल की जुदाई भी अब सही न जाए
आँखे बंद की तो ख्वाब बन कर तुम आए
खुली आँखों में भी चेहरा बस तुम्हारा है
इस कदर तुमसे दूर रहना हमे न अब गंवारा है
कसम है तुम्हे प्यार की इक बार दरस दिखा दो
मझदार में जो कश्ती है उससे साहिल पर लगा दो
इंतज़ार में तुम्हारे गुजरें दिन रैन है
आज दिल उदास है,आज मन बेचैन है.....

Wednesday, August 12, 2009

तुम्हारी ही इबादत

दिल के आशियाने को,तुम्हारी यादो से सजाया करते हैं
तुमसे दूर रहने के गम को,कुछ इस तरह भुलाया करते हैं
कितने हसीं थे वो पल जब हम साथ थे
अब उन लम्हों को याद कर,कभी-कभी मुस्कुराया करते हैं
क्या हुआ गर खुदा को,हमारा साथ रहना मंजूर नही
अभी बी जीते हैं एक दूजे के लिए,ये बी तो कुछ कम नही
लाख कोशिश की उसने राहे जुदा करने की
पर दिल से मिटा पाये प्यार,ऐसा कभी मुमकिन नही
जहाँ भी रहेंगे सनम,बस तुम्हे ही याद करेंगे
तुमको मान कर खुदा,बस तुम्हारी ही इबादत करेंगे
मेरे प्यार पर है बस तुम्हारा ही हक
जब तक ये साँसे चलेंगी,बस तुम्हारे ही होकर रहेंगे

Thursday, August 6, 2009

आज


क्यों जिन्दगी आज इतनी उदास सी है
खुशियों की बढ़ रही प्यास सी है ॥
इतने चले फिर भी मंजिल का कहीं नामो निशाँ नही ...
अब और कितना चले ? थकान का अहसास भी है ।

अक्सर लोग पूछते है तुमने किया क्या है ?
हमे आज भी ये पता न चला हमे करना क्या है ?
इन अनसुलझे सवालों से हम निराश भी है ॥

हार कर बैठना मेरी फितरत में न था कभी ...
और अब फिर से नई जीत की तलाश भी है ॥
ये मेरा आज है मैंने बनाया है इसे
अपने कल को सवांरना भी मेरे हाथ ही है ॥

Wednesday, July 29, 2009

गुजारिश..

ज़िन्दगी भर के लिए ना सही,कुछ पल ही मुझे अपना साथ तो दे दे
जो मैं महसूस करना चाहती हूँ,वो एहसास तू मुझे दे दे
कल जो मैं तनहा रहू और तुझे याद करूँ
एक ऐसी मुलाकात तू मुझे दे दे

जो भूल गई हु आगे तो कैसे लौट आऊं
कैसे मैं अपने टूटे दिल को बचाऊ
जो इतना प्यार मैंने तुमसे किया है
कैसे मैं इसे झुठलाऊ

कोशिश तो कर के देख तू मेरे करीब आने की
हिम्मत तो कर के देख तू दुनिया से टकराने की
मुश्किल तो है पर नामुमकिन नही
तू ठान तो ले मुझे अपना बनाने की







Thursday, July 23, 2009

judaai

लोग कहते हैं
किसी के जाने से ज़िन्दगी रूकती नहीं
सच ही है शायद
क्यूंकि अपनी साँसे ख़ुद से रोके रूकती नहीं
होता है किसी के साथ जब ये
तो जीवन में कोई आस बचती नहीं
न होंठो पे हँसी न आँखों में चमक
वक्त कटता है और धड़कन बस थमती नहीं
मिले ना किसी को कही ये जुदाई
प्यार से बिछड़ कर ज़िन्दगी जीने लायक रहती नहीं
सच कहते हैं लोग
किसी के जाने से ज़िन्दगी रूकती नहीं

Friday, July 10, 2009

बेवफा.....

वक्त से की थी गुजारिश,की थम जाए दो पल के लिए
जी लेंगे उनके साथ हम,चाहे दो पल के लिए
वक्त को आया रहम थोड़ा,दे दी कुछ पल की मोहलत
पर खुदा को ये गंवारा ना था ,की हमे मिले मोहब्बत
दो पल के साथ में ही ,उन्हें हमसे रुसवा कर दिया
और उन की नज़रों में,हमे बेवफा कर दिया
ना दे सके सबूत उन्हें,अपने सच्चे प्यार के
बन गए कातिल हम,उन के ऐतबार के
तोड़ दिया रिश्ता वो,जिसे बनाया था इतने अरमान से
अब जियेंगे कैसे बिना उनके,चाहते हैं जिन्हें दिलो जान से
कहते थे वो हमे,हमेशा एक ही बात
की प्यार है अगर सच्चा,तो हम रहेंगे साथ
बात उनकी आज कर दी,खुदा ने सच साबित
फ़िर चाहे प्यार हमारा,कर दिया गलत साबित
पूछना है आखिरी बार खुदा से,क्या मिला उसे ऐसा करके
जीने लायक भी ना छोड़ा,हम दोनों को ऐसा करके
करेंगे गिला वो ख़ुद से,की क्यों किया मैंने प्यार
करेंगे शिकवा हम ख़ुद से,की ना निभा पाए प्यार.........

Thursday, July 9, 2009

तेरा मिलना

मेरा गम कम हो जाता है जब तुझ से आ के मिलता हूँ में
मन हल्का आँखे नम हो जाती है जब तुझ से आके मिलता हूँ में ॥

तू मेरे गम को बाँट लेता है ..कितना भी छुपाऊ तू अपना हिस्सा छाँट लेता है
खुदा का अहसास जमीन पे होता है जब तुझ से आ के मिलता हूँ में ॥

कभी लगता है तुझ से मेरा रिश्ता ही क्या है ....
तुझ को मुझ मे ऐसा दिखता ही क्या है ....
मे ख़ुद को अच्छे से जान लेता हूँ जब तुझ से आ के मिलता हूँ मे ॥

जिन्दगी की इस भाग दोड़ मे जीना भूल गया था ...
आँसूओ का समन्दर था..... हँसना भूल गया था ...
खुशी के चार पल जी लेता हूँ जब तुझ से आके मिलता हूँ मे ॥

मुझे जीना सीखा कर खुशी की राह दिखा कर
अब छोड़ न देना मझधार मे ....
तुझ से बिछड़ने का डर रहता है जब तुझ से आ के मिलता हूँ मे ॥

खुदा....

नही करते खुदा पे यकीं अब,वक्त की इबादत करते हैं हम
गुजारिश है की थम जाए कुछ पल के लिए,जी लेंगे उनके साथ सौ जनम हम

किया था खुदा पे यकीं इतना,की सब से रुसवाई करा बैठे थे
बदले में उस ने दिया इतना,की जग हँसाई करा बैठे थे
उन्हें पाने की उम्मीद खोकर,ये समझ में आया
ज़िन्दगी ने हमें,ये सबक नया सिखाया
जो पाना चाहते हो किसी को दिल से,न मांगना उसे कभी शिद्दत से
जो मांगोगे खुदा से एक चीज़ बार-बार,मिटा देगा उसे वो तुम्हारी किस्मत से

ना रहा खुदा पे यकीं कोई ,ना मिलन की आस है अब
बस दो पल का साथ है ,और वक्त पे यकीं अब

नही करते खुदा पे यकीं अब,वक्त की इबादत करते हैं हम
गुजारिश है की थम जाए कुछ पल के लिए,जी लेंगे उनके साथ सौ जनम हम

Tuesday, July 7, 2009

दास्तां - ऐ - मुल्क

इस देश के बारे में कहू क्या मै आपसे,
सब कुछ खुला पड़ा है दुनिया के सामने।
अब ना रहा ये वो सोने की चिडियां,
आयी थी जिसे लुटने अंग्रेज टुकडियां।
हमने तो नवाजा था मेहमा समझा कर,
क्या पता था कर जायेगे वो हमे ही बेघर।
समझ न पाए हम वो अंग्रेजी चाले,
इस देश के..................
गाँधी हुए नेहरू हुए और तिलक भी,
सुखदेव बोस राजगुरु और भगत सिंह।
सबने लगा दी बाजी अपने प्राण की,
और दे गये हमे ये जश्ने आजादी।
लुटा गये ख़ुद को देश के नाम पे,
इस देश के.......................
पर हुए क्या पुरे वो उनके सपने,
जो देखा था कभी अपने वीरो ने मिल के।
था भूख और गरीबी को जड़ से मिटाना,
पर मिट ना सका वो बन गया फ़साना।
आज़ादी मिली पर हम ना आजाद हो सके,
इस देश के.................
घूस चोरी भर्ष्टाचार फैला इस कदर,
हो गया हर मानव मानव का दुश्मन।
घर में भी लोग रहते है अब सहमे हुए से,
ना जाने कब कहाँ से कोई रंगदार आ घुसे।
पहले तो कोई और अब अपने ही लुटते,
इस देश के...................


Thursday, July 2, 2009

आस........उम्मीद ज़िन्दगी की

खुशियाँ लाये जो ज़िन्दगी में तुम आए
सोच ये दिल आज लहरा सा जाए
खुशियाँ देना ना कभी ये दिल तोड़ देना
हो खुदा नाराज़ पर तुम ना होना
ये चाँद ये तारे महकते रहें सारे
जब तक ये रहें हम संग रहे तुम्हारे
रूठेगी ये ज़िन्दगी ना रुठेंगे यार हम
मर कर भी ये प्यार निभाएंगे यार हम
हो इजाजत तो कर लू क्या सजदा आपका
नाम लू किसी का तो नाम हो आपका
करू रब्ब से दुआ किसी के लिए
तो दुआओं में मांगु ज़िन्दगी भर के लिए साथ आपका
तुम रूठ जाओ मुझसे,ऐसा कभी मत करना
मैं एक नज़र को तरसु, ऐसा कभी मत करना
मैं पूछ पूछ कर हारू,सो सो सवाल करके
तुम जवाब न दो,ऐसा मत करना
मुझसे ही मिल कर हसना,मुझ से ही मिल कर रोना
मुझसे बिछड़ कर जी लो ,ऐसा कभी मत करना
तुम चाँद बन कर रहो मैं देखती रहूंगी
तुम किसी दिन ना निकलो ,ऐसा मत करना
तुम चले जाओ जब भी मैं तुम्हारा रास्ता देखू
तुम वापिस लौट कर न आओ,ऐसा मत करना ..............
हम काबिल नही उनके फ़िर भी प्यार कर बैठे हैं
वो देंगे ना शायद साथ हमारा
पर उनके साथ की दुआ कर बैठे हैं
वो आसमान हैं और हम जमीन भी नहीं
फ़िर भी उनसे मिलने की आस लगाये बैठे हैं........................

Tuesday, June 30, 2009

नारी भाग प्रथम




कल अनायास ही रामायण का आखरी भाग देखने को मिला
सही था सीता की कहाँ कुछ गलती थी जो उस को हर बार
एक नई परीक्षा देनी पड़ी ?????
आज भी देखा जाए तो कुछ बदला नही है
आज भी हर लड़की को हर कदम पे परीक्षा ही देनी पड़ती है
उसके पैदा होने से ले कर उस के मरने तक कितनी बार उसको इम्तिहान के दोंर से गुजरना पड़ता है
शायद ही कोई राम उस के मन की बात उस की व्यथा का अंदाजा लगा सके !!

पैदा हुई जब लड़की घर वालो के मुंह लटक गए
मिठाई के डब्बे ख़बर सुन के रास्ते में ही अटक गए
शायाद ही किसी के दिल से आवाज़ आई की लक्ष्मी आई है
बाप का मुंह ऐसे लटक गया जैसे आज ही सभी खुशिओं की विदाई है


जब से चलना शुरू किया शुरू हो गई टोका टोकी
दादी बोली पढ़ के क्या करेगी ये घर में ही चोखी

किताबो से ज्यादा इसने अपने छोटे भाइयो को संभाला है
उनको खिलाये बिना कभी नही उतरा हलक से निवाला है

जो हुई थोडी सयानी....तो भी कर सकी अपनी मनमानी
जानती थी अपनी ख्वाहिशों को फिर भी रही उनसे अनजानी
सब के लिए जीवन जीते बचपन पीछे छूट गया
उठी डोली बाबुल के घर से ऐसे ,जैसे जीवन की डोर का एक हिस्सा टूट गया॥

इसकी जिन्दगी एक पतंग सी नज़र आती है
पतंग तो वो ही रहती है बस उडाने वाले की सूरत बदल जाती है
सब की खुशियों के लिए कर दिया अपना जीवन अर्पण
जिमेदारियों का बोझ बढता गया पर चहरे पे नही आने दी शिकन

नारी की बस यही कहानी
आँचल में नीर अंखियों में पानी

आगे अभी और भी है अपने विचार देते रहे

Monday, June 29, 2009

दिल का अफसाना

कभी हमे अपना बनाकर तो देखो ..
दिल में कभी अपने छुपा कर तो देखो .
कभी न तोडेंगे तेरा एतबार ये हम ..
हम पर भरोसा तुम कर के तो देखो .
उमर भर न छोडेंगे ये दमन तुम्हारा ॥


बस एक बार साथ निभा कर तो देखो .
हर पल रहेंगे बन कर तेरे साये ..
इन बाहों में तुम समां कर तो देखो ।
तेरी हर तमन्ना हम सवारेन्गे हमदम ..
अरमान तुम अपने कह कर तो देखो ।!!

रखेंगे न कोई ख्वाइश तेरी बाकी ..
हम से कभी तुम कह कर तो देखो .
छुपा कर रखेंगे तुम्हे निगाहों में अपनी ॥
नजरो से हमारी तुम गुजर कर तो देखो .
पलकों पे अपनी बिठाएंगे तुमको ॥
बस इस रहगुजर से गुजर कर तो देखो ।


शिकवा न होगा कभी हमे तुमसे ..
चाहे हर खता तुम कर के तो देखो .
दगा न करेंगे हम कसम से तुमसे ..
अपनी चाहत हमे दे कर तो देखो ॥

कभी भूलेंगे हम तुम्हे ये मुमकिन नही ..
यादों में पल भर तुम आ कर तो देखो .
रूकती हैं साँसे तुम्हारे बिना अब ..
जरा इस दिल में धड़क कर तो देखो!!

जी न सकेंगे तुम्हारे बिना हम ..
हमसे जुदा तुम हो कर तो देखो ।
तोडेंगे ख़ुद को ख़ुद साँसों से अपनी ॥
बस हमसे दूर ..तुम जा कर तो देखो ॥


Sunday, June 28, 2009

दहेज़

एक दिन एक गरीब बेटी का बाप, पहुँच गया एक सेठ के घर,
और कहने लगा, सुना है आपका बेटा किराये पर चढा है,
आपकी मुंह मांगी कीमत तो न चुका पाउगा,
पर वादा करता हु,
घर द्वार बेच कर जो होगा सो दे दूंगा,
दया करिए इस बेटी के बाप पर,
और हाँ कर दीजिये इतने ही माल पर,
दो साल के लिए ही सही,
एक गरीब की बेटी सुहागन तो कह लाएगी,
भले ही बाद में स्टोव से जला दी जायेगी,
फ़िर से चढा देना अपने बेटे को... और बढ़ा के दाम,
कोई न कोई बाप जरुर आएगा करने अपनी बेटी तुम्हारे नाम,
फ़िर वही कहानी दुहरायी जायेगी,
और दहेज़ का अभिशाप भुगतने के लिए बेटियाँ जलाई जायेगी॥

pathar ka dil

Log ruth jate hai mujh se
Aur mujhe manana nahi aata
Main chahti hu kya
Mujhe jatana nahi aata
Aansuo ko peena purani aadat hai
Mujhe aansu bahana nahi aata
Log kehte hai mera dil hai patthar ka
Isiliye isse pighlana nahi aata
Ab kya kahu main
Kya aata hai kya nahi aata
Bas mujhe mausam ki tarah badal jana nahi aata

Saturday, June 27, 2009

लड़की

कोई समझे ना लड़की को बोझ यहाँ यह बात बताना चाहती हुं,
सोये मानुष के मन में यह अलख जगाना चाहती हुं॥
मारो न गर्भ में उनको अब आने दो जीवन जीनो दो,
तेरी बेरंग दुनिया को रंगों से उन्हें सजाने दो।
कुछ सपने मीठे बुनने दो, कुछ गीत खुशी के गाने दो,
जीनो दो अपना जीवन अब कुछ कर के उन्हें दिखानो दो॥
बीत गया वो समय पुराना, आया नया ज़माना है,
लड़का लड़की एक है यह बात सभी ने माना है॥
कदम उठ गये आगे अब आगे ही बढ़ते जायेगे,
छूना है चाँद तारो को छु कर हम दिखालायेगे॥
सारे सपने पूरे करना यह हमने अब ठाना है,
नही झुकेगे किसी के आगे सबको यह बतलाना है॥

फना

चलो अब ये किस्सा ख़त्म कर दे
अब ख़ुद को फना हम कर दे !!

सब का दिल तोडा है सब को सताया है
अब तो दुनिया पे रहम कर दे
अब ख़ुद को फना हम कर दे !!!

हँसते है मुस्कराते है लगता है की खुश है हम
चलो आज दूर दुनिया का वहम कर दे
अब ख़ुद को फना हम कर दे !!

जब भी दिल लगाया धोखा ही खाया
किसी पे भी विश्वास करने का नतीजा शुन्य ही पाया
अब बस इतना सा अपने पे करम कर दे
अब ख़ुद को फना हम कर दे !!

Friday, June 26, 2009

sheeshey se bani ek ladki

Patthar ke nagar mein aayi
Woh dhoond rahi thi moti
Aur patthar se takraayi
Sheeshay se bani ek larki

Sheeshay se bani yeh larki
Is baat se hai anjaani
Jab rait chamakti hai to
Lagti hai door se paani
Yeh phool hain sab kaaghaz ke
Lekin woh samajh na paayi

Sheeshay se bani ek larki
Patthar ke nagar mein aayi
Woh dhoond rahi thi moti
Aur patthar se takraayi

Sheeshay se bani larki se
Keh do na baad mein rona
Kuch log hain jo peetal ke
Kehte hain woh khud ko sona
Yeh jhoot ka pul tootega
Aur gehri hai gham ki khaayi

Sheeshay se bani ek larki
Patthar ke nagar mein aayi
Woh dhoond rahi thi moti
Aur patthar se takraayi

Socha na tha

socha na tha mujhe bhi diwaana koi banayega,
in adao ka perwaana koi banayega.

in mrig nayno per mai bhi kavita likhuga,
aankhe band kar ek anjaani tasvir ukeruga,
lato ko uski mai badal se joduga,
aur chaal ko uski ek hirni se toluga,
socha na tha, mai shayar ban jauga,
aur itna badlaw khud me pauga....

Barish ka hona mujhme umnge layega,
aur indradhanush jeevan me rang bhar jayega,
dinbhar kisi ka khyal mujhe satayega,
aur raat sapno me wo darash dikhayega,
socha na tha, aisa kuch mere saath ho jayega,
raate lambi aur din chota ho jayega....

DIL KI KALAM SE

Ek pyar se bhara dil tha jiske armano ko palko par sajaya karti thi,
ek masoom si ladki thi mohabbat k khwab dekha karti thi,
Ek chehra banakar khayalon me....
Phir us chehre ko bheed me dhoonda karti thi,
kaisi paagal ladki thi..

Ek khayal ko dhoonda karti thi.
aksar banati ret k mehel saahilo par
phir un mehalon mein ghar apna basaya karti thi…….
kaisi naadan ladki thi……

saahil ki mitti se ghar banaya karti thi…….
Kai baar dekha use phulon se baatein karte...
kuch keh kar unke kaano mein....
khud hi sharmaaya karti thi..
Likh kar hatheli par koi naam hamesha..
phir us naam ko mitaya karti thi..

shayad nasamajh hi thi..
dil par likha tha jo,
use hathon se mitaya karti thi.
Jaane kahan kho gayi wo...
abto aksar aaine mein dhunda karti hun..
wo ladki jo aaina dekh bewajah muskuraya karti thi
banakar ajeeb se chehre sab ko hasaya karti thi
badi ajeeb ladki thi

har kisi ko sataya karti thi
mohabbat ne hi tod diye us k sab armaan
jinhe wo bade pyar se
palko pe sajaya karti thi...............

I HOPE U ALL LIKE IT
COZ ITS FRM DIL KI KALAM SE

BAARISH

suraj ki baadlo se aankh micholi chal rahi hai ..
tapti dharti ko baarish ki thandhi fuhare mil rahi hai !!

sab kush hai charo or...bas ek hume chhod kar
hume to is mosam mai bas aap ki kami khal rahi hai !!
tapti dharti ko baarish ki thandhi fuhare mil rahi hai !!!

aap aayenge nahi aap ko khyal hi kaha hai humari khushi ka ..
aap ki or bhi kuch baadal kar de hawa se humari baat chal rahi hai !!
tapti dharti ko baarish ki thandhi fuhare mil rahi hai !!!

baarish ki boonde kuch is tarah se giri hai tan pe..
jaise aap ne chuha ho hume pyaar se.... aa jaao ab to ye raat bhi dhal rahi hai !!
tapti dharthi ko baarish ki thandhi fuhare mil rhai hai !!!

ise aap shikayat mat samjhna ..hum naaraz nahi hai aap se ..
bas ye to humari tamannaye hai jo machal rahi hai !!
tapti dharti ko baarish ki thandhi fuhare mil rahi hai !!!
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