Followers

Tuesday, November 29, 2011

बैठ जाइए बैठ जाइए (आम आदमी पार्ट २)


बैठ जाइए बैठ जाइए बैठ जाइए
इस देश को हम कभी, खड़ा होने नहीं देंगे
जिन्दा लाश बना देंगे, आम जन को
किसी को कब्र में भी चैन से सोने नहीं देंगे |
बैठ जाइए बैठ जाइए बैठ जाइए ||

आप बैठते है तो ,पेट्रोल ऊँचा चड़ता है
आरक्षण का आक्रोश बड़ता है
सरकारी गोदामों में अनाज सड़ता है
भूख से बिलख के आम आदमी मरता है |
यहाँ बैठने वालों से,हर आदमी डरता है |
गांधी भी इस खादी से, दहशत में आहें भरता है ||
बैठ जाइए बैठ जाइए बैठ जाइए ...

जनता की आह को, हम यहाँ ,शौर में दबा देंगे
उनकी खून पसीने की कमाई को , हगामें की भेट चड़ा देंगे |
और फिर भी जागी रही जनता, तो उन्हें आपस में लड़ा देंगे
झूठे केस बना बना उन्हें ताउम्र, जेल में सडा देंगे |
बैठ जाइए बैठ जाइए बैठ जाइए ...

यहाँ के लोकतंत्र में ,जनता का अब भी विश्वास है
चाहें हम लोगो के मन में, सिर्फ विष का ही वास है
बैठ जाइए बैठ जाइए बैठ जाइए
इस देश को लूटने के लिए,समय सब को दिया जाएगा
अरबों के घोटालों का हिसाब भी. नहीं लिया जाएगा |
यह लोकतंत्र , "लोक" के लिए नहीं, नोट के लिए बना है
बैठ जाइए यहाँ जनता की हित की बात करना, सख्त मना है |

Wednesday, November 23, 2011

दूसरी गजल


उम्मीदों की सड़क नहीं मिलती , खुशियों का आसमां नहीं मिलता
यहाँ किसी को अपने , सपनों का जहां नहीं मिलता ?
तुम कहते हो, क्यूँ मरे जा रहें हो ?
प्यारे इस महंगाई में, जिन्दा रहने का, "सस्ता" सामान नहीं मिलता |

उसने भेजा था धरती पर , तब में सिर्फ इंसान था
अब मजहबों में बांटा दिया गया ,
उसकी धरती पर हर लाश को , शमशान नहीं मिलता |

देर तक जिन्दा रहते है अक्सर वो , जिनकी मौत का इंतजार होता है सब को
और जिस का इंतजार होता है घर पर रात भर ,सुबह तक वो इंसान नहीं मिलता |

कहतें है आदमी की जान का दुश्मन, खुद आदमी है यहाँ
पर किसी शख्स के चेहरे पर, खतरे का निशान नहीं मिलता ?

गम मुकम्मल मिलतें है , दर्द मुकम्मल मिलतें है
बस मुक्कमल ईमान नहीं मिलता |

मैं लिख देता हूँ चाँद , तारें, किसी की भी जिन्दगी में
पर मुझे दो वक्त की रोटी का, इनाम नहीं मिलता ||

उम्मीदों की सड़क नहीं मिलती , खुशियों का आसमां नहीं मिलता
यहाँ किसी को अपने , सपनों का जहां नहीं मिलता

गजल ..


तुम हमें क्या रुलाओगे , ?
आंसू हमारी और आते आते , खुद ही मुस्कराने लगतें है |

हम चाँद को छेड़ देतें है , सूरज के सायें में
तुमको अब भी , हम सयाने लगतें है ?

दर्द की बात मत करना, ना ही जख्म देना हसीं कोई
जब गम होतें है ज्यादा दिल में , हम लोगो को हँसाने लगते है |

मुझे याद करना हर पल , मैं हिचकियो से घबराता नहीं
पर मुझे याद ना आना , हमें भूलने में ज़माने लगतें है |

मेरी तस्वीर देख कर , अपना इरादा बदल ना लेना
हम सूरत से , कुछ पागल दीवाने लगतें है |

तुम फूल हो, तो हमे fool बनाने की, गुस्ताखी ना करना
हम मूडी है , जब मन किया, खुद को ही सताने लगते है |

तुम बाग़ में रहों या घने जंगल में , परवाह किसे है ?
जब मन भर जाएँ फूलों से , हम काटों से रिश्तें बनाने लगते है |

तुम हमें क्या रुलाओगे , ?
आंसू हमारी और आते आते , खुद ही मुस्कराने लगतें है

Thursday, November 17, 2011

जरा समय निकाल कर आ ...


तेरे मेरे दरमयां कुछ बातें , अधूरी पड़ी है
जरा समय निकाल कर आ
थोड़े मेरे "लफ्ज" ले जा ,थोड़े अपने "गम" दे जा ||

बामुश्किल खुशियाँ जोड़ी है, तेरे इंतजार में
जरा समय निकाल कर आ
मुझे आंसू दे जा , अपनी खुशियाँ ले जा ||

कुछ त्यौहार अधूरे पड़े है , तेरे इंतजार में
जरा समय निकाल कर आ
अपने पीने की वजह ले जा , मुझे जीने की वजह दे जा ||

उन गलियों में , हमारे कुछ पुराने किस्से रखें है
कुछ इल्जाम तो ले लिए मैंने अपने सर
बाकी कुछ तेरे हिस्से रखें है |
जरा समय निकाल कर आ
अपना इनाम ले जा, मुझे और इल्जाम दे जा ||

पिछली बात का जख्म , अब भी हरा है
आँखों में, आसुंओं का ,समन्दर भरा है
उन जख्मों को कुरेदने के बहाने आ
अपन हक ले जा , मुझे और जख्म दे जा |

तेरे मेरे दरमयां कुछ बातें , अधूरी पड़ी है
जरा समय निकाल कर आ

Friday, November 11, 2011

दो चम्मच प्यार...




दो चम्मच प्यार चाहिए उसे
चाहे तो कॉफ़ी के , कप में मिला दो
या फिर ...
आज , चाय अपने हाथ से, बना के पिला दो...
उसकी थोड़ी सी मदद कर दो , आटा गुन्दने में आज
आज थोडा शायराना , कर लो अपना मिजाज
आज उसके खाने की, जम कर तारीफ़ कर दो
आज उसके चेहरे पे , दो चार हसीं शेर गड़ दो

आज दो पल फुरसत के निकाल के सिर्फ उसकी सुनो
आज उसके दामन से थोड़े गम चुनों |

आज अहसास कराओ, उसे उसकी अहमियत
आज पूरी , उसकी ये छोटी सी हसरत कर दो |
उसके जीवन का एक पल , खुशनुमा अहसास से भर दो ॥

ना उसे आप का बैंक बैलेंस चाहिए , और ना ही आप की जिन्दगी
उसे चाहिए सिर्फ और सिर्फ "दो चम्मच" ज्यादा प्यार ...|
Related Posts with Thumbnails