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Friday, August 13, 2010
आज़ादी....
चारों और यही शोर है ॥ हम आज़ाद है हम आज़ाद है ....
और मैं आज़ादी के मायने तलाश रहा हूँ ......
इन कुछ बरसों में यदि कुछ आज़ाद हुआ ...
वो है गरीबी .... जो आज़ाद है अपने पैर पसारने के लिए ...
महंगाई ... जो आज़ाद है बढ़ने के लिए ....
हमारी पंचायते ... जो आज़ाद है धर्म- जाती के नाम पे ,प्यार करने वालो की बलि देने के लिए ॥
आज़ाद है सरकारी अफसर ऊपर की खाने के लियें ...
नेता आज़ाद है अपने बयानों से बदल जाने के लिए ॥
आज़ाद युवाओं के ख्याल है ...आज़ाद जनता के सवाल है ....
आज़ाद है गरीब भूख से मरने के लिए
आज़ाद है लाखो टन अनाज सड़ने के लिए ...
आज़ाद है आतंकवादी नक्सली किसी का भी खून कर ने के लिए ॥
आज़ाद है रईसों की गाड़ियों के ब्रेक ...आज़ाद है हमारे नए साउंड ट्रैक ....
कपड़ों को तन से हटाने की आजादी है ...अपनों को पराया करने की आज़ादी है ..
इतनी आज़ादी के बाद भी मन को सुकून नहीं है
आँखों से नींद गायब है स्लीपिंग पिल्स की आदत है ..
टीवी मोबाइल इंटरनेट से पीछा छूटे तो
याद कर लेना दो मिनट शहीदों की शहादत को .....
इस बार लाल किले की बजाय उस माँ के घर तिरंगा फेहराया जाए
जिस ने अपना लाल खोया है वतन के लिए ....
बस इतना सा कर दूँ गर आप की इजाजत हों!!
अब हम अंग्रेजो के नहीं अपनों के गुलाम है
पहले लाल टोपी को सलाम था अब लाल बत्ती को सलाम है ॥
Sunday, August 1, 2010
दोस्त
ये रिश्ता सीमाओं से परे है... उमंगो से भरे है ॥
ये साथ हो तो लड़ ले जंग हजारो से ....
और न हो साथ तो मन परछाई से भी डरे है॥
आँखों में सैकड़ों सपने सजा दे ...बेरंग जिन्दगी में रंग भरें है ....
भीड़ में भी अकेला लगे .....गर ये न हो साथ ....
और साथ हो ये ,तो मन तन्हाई में भी ख़ुशी से झूमा करे है ॥
सच्चा साथी राह के कांटो को भी फूल करे है ...
हमेशा उसके मन से हमारे लिए दुआये ही झरे है ...
रंग रूप, जात पात न देखे बस दिल से दिल जुड़ जाए ...
अपने भी जहाँ साथ छोड़ दे...ये साथ निभाए ...
पत्थर की मूरत में जिन्दगी होने का अहसास भरे है ...
और दिल अगर सच्चा हो तो हर सुदामा को कृष्ण मिला करे है ॥
happy friendship day to all
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