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Tuesday, September 16, 2014

यूँही तेरे ख्यालों में :-


तेरी चाहतें छोटी सी है 
पर तेरे बंधन बहुत बड़े 
तू जिनके बारे में सोचे 
वो देखेंगे तमाशा दूर खड़े 

चल खोल मन का पिंजरा 
थाम हाथ साथ में उड़ चलें 
ये मौका अभी मिला है हमें 
फिर शायद राह मिले न मिले

तेरे लब पर ख़ुशी के लिए
हर दाग को सह लूंगा मैं
तूने सोच भी कैसे लिया
तेरे बैगेर रह लूंगा मैं

तुझ से मिलकर आधा मैं
पूरा हो जाता हूँ
तेरी मुस्कराती आँखे देख
मैं चैन से सो जाता हूँ

जब तू और जी सकता है फिर काहे को तू मरे
आ हम तुम मिल कर चाहतों का व्यपार करें 
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