वक्त से की थी गुजारिश,की थम जाए दो पल के लिए
जी लेंगे उनके साथ हम,चाहे दो पल के लिए
वक्त को आया रहम थोड़ा,दे दी कुछ पल की मोहलत
पर खुदा को ये गंवारा ना था ,की हमे मिले मोहब्बत
दो पल के साथ में ही ,उन्हें हमसे रुसवा कर दिया
और उन की नज़रों में,हमे बेवफा कर दिया
ना दे सके सबूत उन्हें,अपने सच्चे प्यार के
बन गए कातिल हम,उन के ऐतबार के
तोड़ दिया रिश्ता वो,जिसे बनाया था इतने अरमान से
अब जियेंगे कैसे बिना उनके,चाहते हैं जिन्हें दिलो जान से
कहते थे वो हमे,हमेशा एक ही बात
की प्यार है अगर सच्चा,तो हम रहेंगे साथ
बात उनकी आज कर दी,खुदा ने सच साबित
फ़िर चाहे प्यार हमारा,कर दिया गलत साबित
पूछना है आखिरी बार खुदा से,क्या मिला उसे ऐसा करके
जीने लायक भी ना छोड़ा,हम दोनों को ऐसा करके
करेंगे गिला वो ख़ुद से,की क्यों किया मैंने प्यार
करेंगे शिकवा हम ख़ुद से,की ना निभा पाए प्यार.........
2 comments:
सुन्दर अभिव्यक्ति .......ऊतम
go and meet that person atleast once, try to prove ur love...
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