this poem is 4 my best of best frnd,,he always tries to make me smile,,
actually not smile bt laugh,,
he is really awesome॥i love him as a frnd ....
एक चेहरा था अनजाना सा,अजनबी सा,बेगाना सा,,,
नाम तक भी उसका मालूम न था,पर था वो कोई दीवाना सा
इत्तेफाक से एक दिन मुलाकात हुई और हम दोस्त बन गए
साथ वक़्त बिताया और एक-दूजे को समझने लग गए
मेरा गम भुलाने में उसी ने मेरा साथ दिया
इतना हसाया अपनी बातों से की मुझे रोना भुला दिया
मेरे होंठो की हंसी,आँखों की चमक उसी की वजह से है
और दोस्ती पे मेरा विश्वास भी उसी की वजह से है
काश इस रिश्ते में कभी कोई दरार न आए
और है दुआ रब्ब से की वो जो चाहे जिंदगी में उससे बस वो मिल जाये॥
9 comments:
achha likha hain
This is so cute :)
You guys write so well! :)
बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति ।
"अच्छा लिखा आपने एकता....."
amitraghat.blogspot.com
आप अमित्रघात पर आईं,आभार..!
प्रणव सक्सैना
amitraghat.blogspot.com
Dost khuda ki who den hai jo khushi mein aur gamoo don hi paristio mein sath dete hai. who naseeb wale hai jin kay dost hote hai.
सच्ची है तभी अच्छी है - शुभकामनाएं
बेहतरीन!
सुंदर!!
बेबाक !!!
शायद यही होती अभिव्यक्ति!
आपकी अभिव्यक्ति की पवित्रता को नमन!
omkagad.blogspot.com
its for me na??????????????
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