दिल में गर दर्द हो तो कागज़ पे बयां करूँ
नीरस सी इस ज़िन्दगी में कलम किस के नाम करूँ
वो गए तो सब वजह भी साथ ले गए
अब दुविधा में हूँ की कहा से नयी शुरुआत करूँ ॥
दर्द को भी अब दर्द होने लगा है हमे देख कर
आंसू भी सूख गए हैं.. आँखों में रो-रो कर
अब बस दुआ है की वो खुश रहे
सुकून से जी लेंगे हम उन्हें हँसता देख कर
कुछ लोग मिले ऐसे उनके जाने के बाद
हमे हँसता देखने चाहते हैं इतना रोने के बाद
सच है की प्यार क बाद कुछ दिखाई नहीं देता
पर दोस्त ही काम आते हैं उसके बिछड़ने के बाद
7 comments:
dost hi saath nibahte h humesha
isliye dost banate raho :)
acchi h as usual
हर शब्द में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति ।
nice
दर्द को भी अब दर्द होने लगा है हमे देख कर
आंसू भी सूख गए हैं.. आँखों में रो-रो कर
बहुत बहेतरीन पंक्तियाँ ......लिखा है आपने .....
सुंदर रचना
कुछ लोग मिले ऐसे उनके जाने के बाद
हमे हँसता देखने चाहते हैं इतना रोने के बाद
.........बहेतरीन.सुंदर.
aapne bahut achha likha hai...very good
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