शालिनी : विवेक ये देखो ये गेम मैंने जीत लिया।
विवेक : क्या ? ऐसे कैसे हो सकता है ! मैंने कितना खेल पर एक बार भी नहीं जीत पाया और तुम पहली बार में ही जीत गयी। ऐसा हो ही नहीं सकता जरुर चीटिंग की होगी।
शालिनी : नहीं विवेक सचमुच बिना किसी चीटिंग के मैंने ये खेला और जीती।
उठो शालिनी उठो.…
शालिनी : क्या हुआ विवेक तुम ठीक तो हो ?
विवेक : ये देखो मैंने तुमसे भी कम समय में खेला और जीत लिया। ऐसा कोई फील्ड नहीं जहाँ तुम मुझसे आगे निकल सको…
शालिनी : गुड नाईट विवेक।।
विवेक : क्या ? ऐसे कैसे हो सकता है ! मैंने कितना खेल पर एक बार भी नहीं जीत पाया और तुम पहली बार में ही जीत गयी। ऐसा हो ही नहीं सकता जरुर चीटिंग की होगी।
शालिनी : नहीं विवेक सचमुच बिना किसी चीटिंग के मैंने ये खेला और जीती।
(२-३ घंटे बाद रात करीब १ बजे. )
उठो शालिनी उठो.…
शालिनी : क्या हुआ विवेक तुम ठीक तो हो ?
विवेक : ये देखो मैंने तुमसे भी कम समय में खेला और जीत लिया। ऐसा कोई फील्ड नहीं जहाँ तुम मुझसे आगे निकल सको…
शालिनी : गुड नाईट विवेक।।
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