एक खूबसूरत अहसास है- माँ
हर मुश्किल में हमारा विश्वास है- माँ
हमारे लिए सारी दुनिया है- माँ
क्यूँकि, बच्चों के लिए खुशियाँ है- माँ
जिसकी गोद हर गम से निजात दिलाती है, वो है- माँ
मेरी हर तकलीफ में याद आती है मुझे- माँ
मेरे सिर पर हाथ रखकर, राहत देती है- माँ
इस मतलबी दुनिया में जिसे कोई मतलब नही , वो है – माँ
धरती पर खुदा का दर्शन है – माँ
दोगली दुनिया में सच्चा दर्पण है – माँ
मंज़िलों के लिए मैं नही जीता, मेरा रास्ता है- माँ
खुदा का भेजा हुआ, एक फरिश्ता है- माँ
सच तो ये है की तुम क्या हो माँ,
मैं लिख नही सकती , बता नही सकती ………………….. माँ
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Tuesday, July 27, 2010
क्या है माँ:
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9 comments:
Nice....whtever we write abt Maa..is less!!!
कुछ तो है इस कविता में, जो मन को छू गयी।
माँ ,
एक शब्द ,
आँचल में जिसकी ,
सुकून है सारे जहाँ का
माँ ,
एक शब्द ,
छिपा है जिसमे ,
एक अनोखा संसार !
maa...
shayad is shabd ke baad kuch aur kehne ki aawayshyakta nahi hai...
bahut hi umdaah rachna...
माँ ...जैसे कोई नही इस दुनिया में .
thanks to all
bahut sundar
Waah!!!!!!!!!
Jiyo !!!!!!!
Great Saying......
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