जब से दिल लगाया है हमने आपसे,सब कुछ सहने की आदत सी हो गयी है
इंतज़ार करते थे हम आपका देर तक और आप को न आने की आदत सी हो गयी है
कभी हर पल मुस्कुराते थे हम,अब तो रोने की आदत सी हो गयी है
सपनो में रोज़ देखा करते थे आपको अब तो रात-२ भर जागने की आदत सी हो गयी है
बहुत बोला करते थे हम कभी,अब तो चुप रहने की आदत सी हो गयी है
कभी एक हमसफ़र चाहते थे हम भी,अब तो तनहा गम सहने की आदत सी हो गयी है
अब तो चाहे छोड़ भी दो हमे,तुम बिन रहने की आदत सी हो गयी है
जिसे भी चाहा हमने वो छोड़ के चला गया,अब तो खोने की आदत सी हो गयी है
मालूम है की आप हमारी किस्मत में नहीं,बस अपनी किस्मत से लड़ने की आदत सी हो गयी है
अप जहाँ भी रहो खुश रहो,बस येही दुआ मांगने की आदत सी हो गयी है.......
11 comments:
क्या बात है !!!.......बहुत खूब
Kiya Bhi kya ja sakta hai, ADAT daalne ke alawa!
Regards
"RAM"
jisko chaha vo dur ho gya.narayan narayan
सपनो में रोज़ देखा करते थे आपको अब तो रात-२ भर जागने की आदत सी हो गयी है
bohot khub...
"जिसे भी चाहा हमने वो छोड़ के चला गया,
अब तो खोने की आदत सी हो गयी है
मालूम है की आप हमारी किस्मत में नहीं,
बस अपनी किस्मत से लड़ने की आदत सी हो गयी है"
सुंदर भावात्मक रचना के लिए बधाई तथा शुभ आशीष
अगर "कविता"(कल्पना) है तो तो अति सुंदर लेकिन इतनी छोटी उम्र में अगर अनुभव ऐसा है तो सचमुच बहुत बुरा लगा - इस कमेन्ट डिलीट कर दें
khush raheeye..
Holi ki shubhakmanyen!
hey first time here:) love reading poetry but my reading hindi is pretty bad wish u would have a translation widget, would've love to read :)
happy holi :)
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nice one dear
very touching...bahut khoob
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