ये दास्ताँ है एक लड़की और लड़के की जो आजसे चार साल पहले आज ही के दिन मिले और आज वो बिछड़ गए...
दो लोग मिले जो एक दूजे से बिलकुल अलग थे
सोच अलग,दिशा अलग,जीवन के प्रति विचार अलग थे
पर कुछ तो था उन दोनों में ऐसा जो वो करीब आने लगे
और सब कुछ भूल कर साथ वक़्त बिताने लगे
फिर प्यार हुआ ऐसा की सब हदे भुला दी
एक दुसरे में खोकर दुनिया भुला दी
नागवार गुजरा ये प्यार ज़माने को तो जुदा कर दिया उनको
सब सपने,अरमान जो आँखों में थे ख़ाक में मिला दिया उनको
पर जुदा होकर भी मोहब्बत जिंदा थी उनका दिल में
अब ज़माने से छुप-छुप कर लगे वो मिलने
कोई कसर ना छोड़ी दुनिया ने अलग करने की उनहे
पर प्यार हिम्मत देता था सामना करने की उन्हें
दुनिया से तो लड़ लिए पर खुदा ही साथ छोड़ दे तो क्या करे
जिसकी इबादत में झुकते थे सर वो ही दुश्मन बन जाये तो क्या करे
आखिर टूट गया सपनो का शीशमहल और राहें हो गयी जुदा
उनको तड़पता देख अब तो खुश होगा खुदा
मोहब्बत का ऐसा सिला मिला उन्हें की जीनामुश्किल हो गया
चन्द सालो की यादें जेहेन में इस कदर रम गयी की बाहर निकलना मुश्किल हो गया
असमंजस में हैं अब वो की ख़ुशी मनाये की इस दिन उन्हें ज़िन्दगी का सब से ज्यादा प्यार करने वाला इंसान मिला या फिर दुःख की आज ही क दिन वो प्यार बिछड़ गया
6 comments:
मिलना बिछड़ना तो जीवन की रीत है ,..... बस प्यार जिंदा रहना चाहिए ... चाहे दिलों में ही क्यों न हो ....
जुदा होकर भी जुदा नहीं
वो प्यार है
वादा किया नहीं आने का
पर इंतजार है
ऋतु बिरह की भी चली जाए
फिर से बहार आए
दुआ करते हैं
लौट वो संसार आए
सब सपने,अरमान जो आँखों में थे ख़ाक में मिला दिया उनको
पर जुदा होकर भी मोहब्बत जिंदा थी उनका दिल में
bahut khoobsurat !!!
achchi post ekta... likhti raho
dhanyawaad kulwant happy ji,par kehte hain hain na jo chale jate hain wo kabhi lot kar nahi aate
n thanku shubham bhabhi,aap ne hi mujhe motivate kiya likhne k lie...
aapne bahut hi achha likha hai...likhna jaari rakhiye
Post a Comment