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Tuesday, June 25, 2019

गलतफहमी

गलतफहमी

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कई बार जीवन में गलतफहमी भी सुखद अहसास भर देती है। एक मरीचिका की तरह को रेगिस्तान में भटके प्यासे के जीवन का सहारा बन जाता है।

         राधा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। राजेश आया तो था अपने दोस्त और राधा के भाई मनोज के मौत की खबर ले कर पर, राधा ने तो राजेश को ही मनोज समझ लिया। उसका नहीं देख पाना उसके लिए वरदान हो गया। जैसे ही उसने सुना एक फौजी घर आया है , वो भागती हुई आई और राजेश के गले लग कर बोली भैया मुझे पता था इस बार राखी पर आप जरूर घर आओगे। बूढ़ी काकी ने पीछे से बताना चाहा पर राजेश ने इशारे से मना कर दिया। मनोज की सारी जिम्मेदारी अब वो उठाना चाहता था। आखिर उसकी ये ज़िन्दगी मनोज की ही तो देन थी। और  उसने राधा की ये गलतफहमी कभी दूर नहीं की।।


शुभम्. 


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