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Wednesday, September 18, 2019

अरुणोदय

अरुणोदय


स्वर्णरथ पर सवार,

तिमिर क्षयकार,

हारने अंत: का अंधकार,

हो रहा उदय

अरुणोदय।


निशा के पराक्रम को के ध्वस्त

इंदु के दंभ को कर विनष्ट

हो रहा उदय

अरुणोदय।


फैलाने जग में प्रकाश

करने अंत: करण उजास

हो रहा उदय

अरुणोदय।


स्वर्ण रश्मि बिखेर कर

नव दिवस कर रहा प्रदत

हो रहा उदय

अरुणोदय।


शुभम्.


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