
हर तरफ चुनाव का जोर है,
जहा देखो वहां प्रचार का शोर है,
दम ख़म लगा कर जुटे हैं नेता,
हर कोई दुसरे को साबित करता चोर है।
चुनाव का भी अपना ही एक खुमार है,
हानियाँ तो बहुत पर फायदे भी बेशुमार हैं,
जनता आराम से जी लेती है कुछ दिन,
और नेताओं पर चढ़ता बुखार है।
बिजली पानी की तंगी से जूझ रहे लोगो को
सब सुविधाए देने में लगे हैं,
हलकी हवा से टूटने वाले तारो पर आजकल,
आंधी तूफ़ान भी बेअसर होने लगे हैं।
बुजुर्गो का हाल पूछने नहीं गया कोई अबतक,
आजकल उनकी खातिरदारी में लगे हैं,
किसी से सीधे मुह बात न करने वाले लोग भी,
हाथ क्या पैर तक पकड़ने में लगे हैं.
कभी दो पैसे का भी दान नहीं दिया जिन्होंने,
वो आजकल दिन रात खिलाने पिलाने में लगे हैं,
गरीबों की हो गयी है चाँदी,
और पीने वालो को तो ये दिन दिवाली की तरह लगने लगे हैं।
पर
चुनावो के बाद फिर से वोही हाल होने वाला है,
जो जीत गया वो जनता को लूटने वाला है,
जितना पैसा खर्च किया चुनाव प्रचार पे,
उसे जनता से ब्याज सहित वसूलने वाला है॥
जहा देखो वहां प्रचार का शोर है,
दम ख़म लगा कर जुटे हैं नेता,
हर कोई दुसरे को साबित करता चोर है।
चुनाव का भी अपना ही एक खुमार है,
हानियाँ तो बहुत पर फायदे भी बेशुमार हैं,
जनता आराम से जी लेती है कुछ दिन,
और नेताओं पर चढ़ता बुखार है।
बिजली पानी की तंगी से जूझ रहे लोगो को
सब सुविधाए देने में लगे हैं,
हलकी हवा से टूटने वाले तारो पर आजकल,
आंधी तूफ़ान भी बेअसर होने लगे हैं।
बुजुर्गो का हाल पूछने नहीं गया कोई अबतक,
आजकल उनकी खातिरदारी में लगे हैं,
किसी से सीधे मुह बात न करने वाले लोग भी,
हाथ क्या पैर तक पकड़ने में लगे हैं.
कभी दो पैसे का भी दान नहीं दिया जिन्होंने,
वो आजकल दिन रात खिलाने पिलाने में लगे हैं,
गरीबों की हो गयी है चाँदी,
और पीने वालो को तो ये दिन दिवाली की तरह लगने लगे हैं।
पर
चुनावो के बाद फिर से वोही हाल होने वाला है,
जो जीत गया वो जनता को लूटने वाला है,
जितना पैसा खर्च किया चुनाव प्रचार पे,
उसे जनता से ब्याज सहित वसूलने वाला है॥
12 comments:
bahut badhiya.bilkul satik.
सच्चाई को बखूबी बयां किया है आपने ,,सच यही होने वाला है.और गरीब क्या करे जो मिल रहा है वही भला है
विकास पाण्डेय
www.vicharokadarpan.blogspot.com
बहुत सुन्दर रचना
लाजवाब प्रस्तुती ......आज चुनाव आने पर यही हाल रहता है .
जनता से ब्याज सहित वसूलना है ...इन रंग बदलते चेहरों को क्या कहिये ...!!
बिलकुल सही कहा आपने, राजनीति का सटीक चित्रण।
--------
क्या हमें ब्लॉग संरक्षक की ज़रूरत है?
नारीवाद के विरोध में खाप पंचायतों का वैज्ञानिक अस्त्र।
एकदम सही कहा जी आपने...राजनीति तो गन्दगी का अम्बार हो गई है.
___________
'शब्द सृजन की ओर' पर आपका स्वागत है !!
very nice...
bahut khub rachna ekta ji...
achha likha hai aapne....
yun hi likhti rahein...
aur haan meri nayi kavita jaroor padhein..
pratikriya ka intzaar rahega.......
"सच्चाई बयान करती हुई रचना ,अब लोगों को भी अपने वोट का फायदा उठाना चाहिये और हज़ार नहीं बल्कि लाख तो मिलना ही चाहिये आखिर कार 5 सालों में एक बार ही तो मौका मिलता है कमाई का ...बढ़िया पोस्ट.."
अच्छा लिखा है, नेताओ का बुरा हाल है ...चलो हम लोग ही कुछ करते है फिर :)
बिलकुल सही
Post a Comment