
मेरे दिल के शहर में इक नया मुसाफिर आया है
वो रास्तों को मेरे , बदलना चाहता है
और दिल भी , उसकी ऊँगली पकड़ कर, चलना चाहता है ||
उसके आने से रास्ते दिल के महकने लगे है
प्यार के पल , पंछी बन , चहकने लगें है
हर "वक्त" उसके साथ, खिलना चाहता है
दिल फिर साँसों की धुन पर मचलना चाहता है
दिल फिर साँसों की धुन पर मचलना चाहता है
मेरे दिल के शहर में इक नया मुसाफिर आया है
दिल उसके इशारों पर चलना चाहता है ||
वो मुसाफिर इक जन्म के लिए यहाँ ठहर जाएँ
उसके नाम... मेरी ..शामों सहर जाएँ
चिकने रास्तों पे, अब दिल ख़ुशी से, फिसलना चाहता है
मेरे दिल के शहर में इक नया मुसाफिर आया है
वो रास्तों को मेरे , बदलना चाहता है
और दिल भी उसकी ऊँगली पकड़ कर, चलना चाहता है ||
3 comments:
वाह बेहद खूबसूरत शब्दों की अभिव्यक्ति ....
बेहतरीन अंदाज़..... सुन्दर
अभिव्यक्ति.
very nice love poem...
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