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Wednesday, August 26, 2009

इंतज़ार.....

आज दिल उदास है,आज मन बेचैन है
तुम्हारे दीदार को तरसे ये नैन हैं
इक पल की जुदाई भी अब सही न जाए
आँखे बंद की तो ख्वाब बन कर तुम आए
खुली आँखों में भी चेहरा बस तुम्हारा है
इस कदर तुमसे दूर रहना हमे न अब गंवारा है
कसम है तुम्हे प्यार की इक बार दरस दिखा दो
मझदार में जो कश्ती है उससे साहिल पर लगा दो
इंतज़ार में तुम्हारे गुजरें दिन रैन है
आज दिल उदास है,आज मन बेचैन है.....

3 comments:

Shubham Jain said...

nice lines...

karuna said...

क्यों दिल उदास है कौन आसपास है
मन की आखों से देख उसे ,जिसकी तूझे प्यास है |
मत हो उदास मत हो यूं बैचेन
एक बार पुकार ले उसे ,आ जाएगा चैन ,|
अच्छी रचना है शुभ कामनाएं |

चाहत said...

बहुत अच्छा है

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