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Wednesday, July 29, 2009

गुजारिश..

ज़िन्दगी भर के लिए ना सही,कुछ पल ही मुझे अपना साथ तो दे दे
जो मैं महसूस करना चाहती हूँ,वो एहसास तू मुझे दे दे
कल जो मैं तनहा रहू और तुझे याद करूँ
एक ऐसी मुलाकात तू मुझे दे दे

जो भूल गई हु आगे तो कैसे लौट आऊं
कैसे मैं अपने टूटे दिल को बचाऊ
जो इतना प्यार मैंने तुमसे किया है
कैसे मैं इसे झुठलाऊ

कोशिश तो कर के देख तू मेरे करीब आने की
हिम्मत तो कर के देख तू दुनिया से टकराने की
मुश्किल तो है पर नामुमकिन नही
तू ठान तो ले मुझे अपना बनाने की







1 comment:

चाहत said...

गुजारिश है आप से इसी तरह लिखें

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