Followers

Sunday, August 1, 2010

दोस्त


ये रिश्ता सीमाओं से परे है... उमंगो से भरे है ॥
ये साथ हो तो लड़ ले जंग हजारो से ....
और न हो साथ तो मन परछाई से भी डरे है॥
आँखों में सैकड़ों सपने सजा दे ...बेरंग जिन्दगी में रंग भरें है ....
भीड़ में भी अकेला लगे .....गर ये न हो साथ ....
और साथ हो ये ,तो मन तन्हाई में भी ख़ुशी से झूमा करे है ॥
सच्चा साथी राह के कांटो को भी फूल करे है ...
हमेशा उसके मन से हमारे लिए दुआये ही झरे है ...
रंग रूप, जात पात न देखे बस दिल से दिल जुड़ जाए ...
अपने भी जहाँ साथ छोड़ दे...ये साथ निभाए ...
पत्थर की मूरत में जिन्दगी होने का अहसास भरे है ...
और दिल अगर सच्चा हो तो हर सुदामा को कृष्ण मिला करे है ॥


happy friendship day to all

5 comments:

अनामिका की सदायें ...... said...

सुंदर अभिव्यक्ति.

Dev said...

वाह!!....बहुत सुंदर प्रस्तुति .

Shayar Ashok : Assistant manager (Central Bank) said...

वाह !!!
बहुत खूब || सुन्दर कविता ||

Anonymous said...

bahut khoob...
Meri Nai Kavita padne ke liye jaroor aaye..
aapke comments ke intzaar mein...

A Silent Silence : Khaamosh si ik Pyaas

संजय भास्‍कर said...

बहुत दिनों बाद इतनी बढ़िया कविता पड़ने को मिली.... गजब का लिखा है

Related Posts with Thumbnails