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Thursday, July 2, 2009

आस........उम्मीद ज़िन्दगी की

खुशियाँ लाये जो ज़िन्दगी में तुम आए
सोच ये दिल आज लहरा सा जाए
खुशियाँ देना ना कभी ये दिल तोड़ देना
हो खुदा नाराज़ पर तुम ना होना
ये चाँद ये तारे महकते रहें सारे
जब तक ये रहें हम संग रहे तुम्हारे
रूठेगी ये ज़िन्दगी ना रुठेंगे यार हम
मर कर भी ये प्यार निभाएंगे यार हम
हो इजाजत तो कर लू क्या सजदा आपका
नाम लू किसी का तो नाम हो आपका
करू रब्ब से दुआ किसी के लिए
तो दुआओं में मांगु ज़िन्दगी भर के लिए साथ आपका
तुम रूठ जाओ मुझसे,ऐसा कभी मत करना
मैं एक नज़र को तरसु, ऐसा कभी मत करना
मैं पूछ पूछ कर हारू,सो सो सवाल करके
तुम जवाब न दो,ऐसा मत करना
मुझसे ही मिल कर हसना,मुझ से ही मिल कर रोना
मुझसे बिछड़ कर जी लो ,ऐसा कभी मत करना
तुम चाँद बन कर रहो मैं देखती रहूंगी
तुम किसी दिन ना निकलो ,ऐसा मत करना
तुम चले जाओ जब भी मैं तुम्हारा रास्ता देखू
तुम वापिस लौट कर न आओ,ऐसा मत करना ..............
हम काबिल नही उनके फ़िर भी प्यार कर बैठे हैं
वो देंगे ना शायद साथ हमारा
पर उनके साथ की दुआ कर बैठे हैं
वो आसमान हैं और हम जमीन भी नहीं
फ़िर भी उनसे मिलने की आस लगाये बैठे हैं........................

2 comments:

ओम आर्य said...

वो देंगे ना शायद साथ हमारा
पर उनके साथ की दुआ कर बैठे हैं
वो आसमान हैं और हम जमीन भी नहीं
फ़िर भी उनसे मिलने की आस लगाये बैठे हैं..
जिन्दगी के बहुत ही करीब लगी ये पंक्तियाँ..........सुन्दर..

विजय पाटनी said...

gr888888888 thoughts :)

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