Followers

Monday, November 12, 2012

रस्म निभाने के लिए दिवाली है ...

"
अपने घर का कचरा , सड़क पे डालने के लिए 
दिवाली है ...
मिलावट की मिठाइयाँ , गरीबों को बांटने के लिए 
दिवाली है ..

बेजुबान जानवरों को सताने के लिए 
दिवाली है 
फटाके फोड़ के , प्रदुषण फ़ैलाने के लिए 
दिवाली है ..

गर सरकारी अफसर हो आप तो 
जम कर खाने , के लिए दिवाली है ...
गर हो दुकानदार, तो थोडा बहुत 
कमाने के लिए दिवाली है ...

अजनबियों से मेल मिलाप बढ़ाने के लिए
दिवाली है 
"दीया तले अँधेरा" यह जताने के लिए 
दिवाली है ...

दीप नहीं, दिल जल रहें है, ये बताने के लिए 
दिवाली है ..
चकाचौंध से लोगो को भरमाने के लिए 
दिवाली है ..

साल भर के गम छुपा के , दो दिन मुस्कराने के लिए 
दिवाली है ...
ना वनवास ख़त्म करने की चाह है , और ना ही राम बनने की ललक 
अब तो सिर्फ और सिर्फ रस्म निभाने के लिए 
दिवाली है ...||

4 comments:

Madan Mohan Saxena said...

उम्दा पंक्तियाँ .बेह्तरीन अभिव्यक्ति .बहुत अद्भुत अहसास.सुन्दर प्रस्तुति.
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये आपको और आपके समस्त पारिवारिक जनो को !

मंगलमय हो आपको दीपो का त्यौहार
जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार
ईश्वर से हम कर रहे हर पल यही पुकार
लक्ष्मी की कृपा रहे भरा रहे घर द्वार..

विभूति" said...

दीप नहीं, दिल जल रहें है, ये बताने के लिए
दिवाली है ..
चकाचौंध से लोगो को भरमाने के लिए
दिवाली है ..आपको भी दीपावली की बहुत शुभकामनायें।

Unknown said...

Hamesha ki tarah , umda lekh...

Unknown said...

Win Exciting and Cool Prizes Everyday @ www.2vin.com, Everyone can win by answering simple questions. Earn points for referring your friends and exchange your points for cool gifts.

Related Posts with Thumbnails