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Saturday, March 20, 2010

अनजाना रिश्ता..


कुछ तो रिश्ता है उनसे जो ये दिल उन्हें अपना मानता है ,
क्या है,क्यों है,इसका जवाब तो बस रब्ब ही जानता है.
हर घडी जेहेन में बस ख्याल है उनका,
देख ले झलक एक पल तो दिल को सुकून मिल जाता है।
न जाने कैसी कशिश है उनकी आवाज़ में,
वो बात न करे तो हमसे तो सारा जहाँ चुप-चाप सा नजर आता है॥

यकीन नहीं है खुद पे और अपनी किस्मत पे भी,
इसलिए उनके खफा होने का ख्याल दिल को रुलाता है।
अनजान हैं वो इन सब से ,कुछ नहीं जानते,
कि कोई अपनी आंखों में उन के सपने सजाता है॥

कहते हैं खोना-पाना दुनिया का दस्तूर है,
पाना नहीं चाहते उन्हें हम,फिर खोने से दिल डरता है।
यूं ही हँसते मुस्कुराते रहे वो ज़िन्दगी भर,
उनके हिस्से के आंसू भी मुझे मिले,बस येही फरियाद अब दिल करता है॥

11 comments:

Gautam RK said...

भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति! शब्दों को कलात्मकता से कातारबद्ध किया है आपने!!



"राम कृष्ण गौतम"

संजय भास्‍कर said...

एहसास की यह अभिव्यक्ति बहुत खूब

संजय भास्‍कर said...

बहुत सुंदर और उत्तम भाव लिए हुए.... खूबसूरत रचना......

anil gupta said...

ati uttam...............

Dev said...

वाह!! खूबसूरत भावों को बड़ी नाजुकता से शब्दों का रूप दिया है

Vintage Obsession said...

do put up a translation widget i can understand Hindi but very good with reading it :) would love to read:)

Yatish Jain said...

बहुत खूब !!!

कभी अजनबी सी, कभी जानी पहचानी सी, जिंदगी रोज मिलती है क़तरा-क़तरा…
http://qatraqatra.yatishjain.com/

कडुवासच said...

...सुन्दर अभिव्यक्ति!!!

Amitraghat said...

सच्चे प्रेम में ऐसा ही कुछ होता है....सुन्दर भावाभियक्ति........."

CS Devendra K Sharma "Man without Brain" said...

ahsaaso ki bahut khubsurat abhivyakti........sunder rachna

vo kehte hai na...."hai koi jaana anjaana sa....par lagta apna apna sa"

badhai

Anonymous said...

it's true love...... isn't it ????
really a great poem...

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