tag:blogger.com,1999:blog-3795906692203663583.post5713414178198203456..comments2023-10-04T02:03:00.687-07:00Comments on Dil ki kalam se: दिल जली दिवालीVIJAY PATNIhttp://www.blogger.com/profile/10765989717404748519noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-3795906692203663583.post-88083229574916035432011-10-28T06:23:07.147-07:002011-10-28T06:23:07.147-07:00जिसें दिया था हक़,सात जन्मों का मैंने
वो एक दिन के...जिसें दिया था हक़,सात जन्मों का मैंने<br />वो एक दिन के लिए भी, मेरा हो ना सका |<br />वो लुभाता रहा, किसी और को अपने प्यार से<br />मैं शादी की तस्वीरों से, खुद को लुभाती रही ||<br /><br />....बहुत मर्मस्पर्शी...लाज़वाब !Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3795906692203663583.post-29852910625697741552011-10-27T06:19:02.546-07:002011-10-27T06:19:02.546-07:00उफ़ विजय जी दर्द ही दर्द भर दिया।उफ़ विजय जी दर्द ही दर्द भर दिया।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3795906692203663583.post-39636675584547204182011-10-27T04:54:21.715-07:002011-10-27T04:54:21.715-07:00मेरे दिल का दीया बुझ गया
तेरे प्यार की कमी से , कब...मेरे दिल का दीया बुझ गया<br />तेरे प्यार की कमी से , कब का |<br />मै सिर्फ रस्म निभाने के लिए<br />त्यौहार बनाती रही ||<br />उसे पसंद था अँधेरा.... ताउम्र " विजय " ,<br />मैं एवई दीप जलाती रही ||भावपूर्ण अभिवयक्ति.....विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.com