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Monday, May 31, 2010

तेरा ख्याल


मेरे आंसू की कीमत लगाते हैं वो ....
जिन के होंटो पे हमने हसीं... दि थी कभी ॥
मुझ में समां के मुझ से जुदा होना चाहते है वो .....
जिन्होंने आने पे दस्तक भी दि न कभी ॥
वो बदलें इतनी जल्दी अपनी बातों से ....
इतनी जल्दी तो मौसम भी बदलते नही ॥
मैंने उन को कहा कुछ सब्र तो करो
मेरे अहसासों की कुछ कद्र तो करो ...
लेकिन वो तोड़ गए मुझ से रिश्ते सभी
अब कोई टूटे हुए को न तोड़े अभी ॥
इस तरह उसने लूटा मेरे जज्बातों को
मेरे आसूओं को कह गए बरसात वो
इस कद्र मिलें गम ख्यालात मैं ....
के अब तो मुस्कान भी चेहरे पे टिकती नहीं ॥
तेरा ख्याल दिल से जाता नहीं ॥ पर अब तू याद भी हम को आता नहीं
बस अश्कों को शब्दों में पिरोते है ..और नया सा कुछ लिख देते है यहीं ॥





Friday, May 28, 2010

अजीब रिश्ते


पैसो के आगे क्यो झुकते है रिश्ते

दर्द ही दर्द मेरी किस्मत में क्यो लिखते है रिश्ते !

इतने मतलबी हो गए है अपनी दुनिया में वो की

अब तो जरूरत पर भी कंहा दिखते है रिश्ते !!

खून के रिश्ते नाम के रिश्ते

चहरे पर हँसी लाये कलियों की तरह दिल के बाग़ में कंहा खिलते है रिश्ते !

गमो की आहट से ही अब क्यो हिलते है रिश्ते !

हमें अपना हिस्सा बना ले हमे अपनी साँसों में बसा ले

रोते हुई आँखों को हँसा दे खुशियों का अम्बार लगा दे

मंजिल तक साथ चले ऐसे कंहा अब मिलते है रिश्ते !!

Sunday, May 23, 2010

पड़ाव


उम्र का एक और पड़ाव आज पार कर चुके है
किसी हमसफ़र के इंतज़ार मे हम अब रुके है ॥
जिन्दगी का आधा सफ़र तय कर लिया सा लगता है
क्या पाया क्या खोया इसका हिसाब भी चहरे पे साफ़ दिखता है
हमने अपने आप को नोट छापने की मशीन नहीं बनाया
जहाँ तक हो सका किसी का दिल नहीं दुखाया ॥
बुरा लोगता है जब लोग कहते है तुमने किया क्या है
अब कागज़ के नोटों मे विश्वास रखने वालो को
किसी के चहरे पे आई मुस्कान का मोल कैसे बताये ?
किसी के गम बाँट लेने से, मिला सुकून को कैसे समझाए ?
खेर अब लोगो की परवाह करता भी कोंन है ?
अब तो बोलने वालो से ज्यादा डर उनसे लगता है जो मोन(चुप ) है
मुझ से बस कभी किसी का दिल न टूटे ॥ कोई अपना मुझ से कभी न रूठे
मुझे कभी कृत्रिम चीजों से लगाव न हो और अपनों के मन मे मेरे लिए कड़वाहट न हो ॥
गम छिपा के लोगो को हँसाते रहे .... ख़ुशी के नगमे हर दिन गाते रहे ॥
आँसू को पलकों तले दबा के मुस्कराते रहे और इसी तरह जिन्दगी बिताते रहे
जिन्दगी के हर मोड़ पे हमे आप का साथ चाहिए
फिर एक नयी शाम इंतज़ार कर रही है ॥ आप आइये साथ निभाइए ॥

Tuesday, May 18, 2010

चुनाव प्रचार


हर तरफ चुनाव का जोर है,
जहा देखो वहां प्रचार का शोर है,
दम ख़म लगा कर जुटे हैं नेता,
हर कोई दुसरे को साबित करता चोर है।
चुनाव का भी अपना ही एक खुमार है,
हानियाँ तो बहुत पर फायदे भी बेशुमार हैं,
जनता आराम से जी लेती है कुछ दिन,
और नेताओं पर चढ़ता बुखार है।
बिजली पानी की तंगी से जूझ रहे लोगो को
सब सुविधाए देने में लगे हैं,
हलकी हवा से टूटने वाले तारो पर आजकल,
आंधी तूफ़ान भी बेअसर होने लगे हैं।
बुजुर्गो का हाल पूछने नहीं गया कोई अबतक,
आजकल उनकी खातिरदारी में लगे हैं,
किसी से सीधे मुह बात न करने वाले लोग भी,
हाथ क्या पैर तक पकड़ने में लगे हैं.
कभी दो पैसे का भी दान नहीं दिया जिन्होंने,
वो आजकल दिन रात खिलाने पिलाने में लगे हैं,
गरीबों की हो गयी है चाँदी,
और पीने वालो को तो ये दिन दिवाली की तरह लगने लगे हैं।
पर
चुनावो के बाद फिर से वोही हाल होने वाला है,
जो जीत गया वो जनता को लूटने वाला है,
जितना पैसा खर्च किया चुनाव प्रचार पे,
उसे जनता से ब्याज सहित वसूलने वाला है॥

Tuesday, May 11, 2010

mera gaanv mera sahar


मेरे गाँव में घर की छत पे आज भी मोर आते है
मेरे शहर में मुझे चिडिया भी देखने नही मिलती ॥

मेरे गाँव में लोगो के बीच आज भी वो ही भाईचारा है
मेरे शहर में भाई की भाई से ही नही बनती ॥

मेरे गाँव में सुख दुःख में सब साथ है
मेरे शहर में परछाई भी साथ नही दिखती ॥

मेरे गाँव में आज भी पक्की सड़क नही है
मेरे शहर में सड़के है पर मंजिल नही मिलती ॥

मेरे गाँव में आज भी सब नीम के पेड़ तले बतियाते है
मेरे शहर में लोगो को फ़ोन से फुर्सत नही मिलती ॥

मेरे गाँव में बच्चे आज भी माँ के आँचल में पलते है
मेरे शहर में अब माँ का आँचल ही देखने को नही मिलते है ॥

मेरे गाँव में सावन में आज भी झूले पड़ते है
मेरे शाहर में पार्क में भी झूले देखने को नही मिलते ॥

मेरे गाँव में आज भी हर तीज त्यौहार के लिए अपने गीत है
मेरे शहर में बद से बदतर होता कान फोडू संगीत है ॥

मेरे गाँव में कुछ नही है फिर भी लोग खुश है
मेरे शहर में सब कुछ है ..फिर भी चेहरे पे वो खुशी नही दिखती ॥

मेरे गाँव में अमन है सुख है चैन है
मेरे शहर में हर मुस्कराहट के पीछे भीगे हुए नैन है ॥

Friday, May 7, 2010

happy mothers day.


कही पढ़ा था मैंने ...
सख्त रास्तों में भी आसान सफ़र लगता है,
ये मुझे मेरी माँ की दुआओं का असर लगता है,
एक मुद्दत से मेरी माँ सोयी नहीं,
जब मैंने कहा माँ मुझे डर लगता है....
यो तो माँ के बारे में जितना भी लिख लो बोल लो कम ही है...माँ की गोद, उसका प्यार-दुलार, उसकी डांट-फटकार ..............मुझे मेरी माँ के साथ साथ मेरी बड़ी माँ का भी उतना ही प्यार मिला.... कुछ पंक्तियाँ मेरी बड़ी माँ के लिए जो आज हमारे बीच में नहीं हैं पर वो जहाँ कहीं भी हैं हमे देख रही हैं और उनका आशीर्वाद हमेशा हमारे साथ है॥
आज ओढा जो मैंने दुप्पट्टा तेरा,माई,,
तेरी खुश्बो मेरी साँसों में उतर आई,
छुआ जो तेरी चूड़ियों को मैंने,
लगा जैसे छु ली हो मैंने तेरी कलाई,
हर चीज़ तेरी तडपाती है माँ,
मुझे याद तेरी बहुत आती है माँ।
याद आता है तेरा सुबह-२ जगाना,
वो सहलाना माथा,वो सर पे हाथ फिराना,
वो कहना की बेटा उठो नहा लो,पूजा कर लो,
वो तेरा मोहब्बत से देख मुस्कुराना,
हर सुबह मुझको रुला जाती है माँ,
मुझे याद तेरी बहुत आती है माँ।
ये आंसू मेरे थमते नहीं हैं क्यूँ,
तू क्या गयी लुट गया मेरे दिल का सुकून,
ये तो मर्जी है मालिक की,
जानती हु फिर भी बेकल सी मैं रहूँ,
तेरी तस्वीर आँखों से नहीं जाती है माँ,
मुझे याद तेरी बहुत आती है माँ।
इतनी जल्दी तू मुझको छोड़ गयी क्यूँ,
मुझ से ये नाता तोड़ गयी क्यूँ,
हर लम्हा तेरे बिन एक इम्तिहान है,
किस बात से खफा हो मुह मोड़ गयी क्यूँ,
आँखों में हर रात गुजर जाती है माँ,
मुझे याद तेरी बहुत आती है माँ...
मुझे याद तेरी बहुत आती है माँ...
happy mothers to all gr8 moms..
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